जल प्रदूषण पर निबंध ( Hindi Essay on Water Pollution )

नमस्कार मित्रों, हमारी पृथ्वी पर कई प्रकार की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन सबमे जो सबसे प्रमुख है वो है जल प्रदूषण।  जल के बिना हमारा जीवन संभव ही नहीं है और आज के समय में हम जाने अनजाने में इसी जल को प्रदूषित करते जा रहे हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको जल प्रदूषण पर निबन्ध के माध्यम से जल प्रदूषण के बारे में विस्तार से बताएंगे। 


जल प्रदूषण पर निबंध ( Essay on Water Pollution in Hindi ) - जल प्रदूषण क्या है ? ( What is Water Pollution in Hindi )

जल प्रदूषण का मतलब होता है नदियों, झीलों, महासागरों और भूजल जैसे जलाशयों में हानिकारक पदार्थों का मिल जाना ही जल प्रदूषण कहलाता है।



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Hindi Essay on Water Pollution



 ये हानिकारक पदार्थ कई प्रकार के स्रोतों से आ सकते हैं जैसे कि फैक्टरी से निकलने वाले रसायनों का इन जलाशयों में मिल जाना, तथा हम लोग भी कई प्रकार की गन्दगी को इन जलाशयों में डाल देते हैं जो कि जल प्रदूषण का कारण बनती है। इस जल प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर भी काफी असर पड़ता है इससे कई प्रकार कि बीमारियां जन्म लेती हैं। इसलिए हमें जल प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए। 


जल प्रदूषण पर निबंध ( Essay on Water Pollution in Hindi ) - जल प्रदूषण कितने प्रकार का होता है ?

 जल प्रदूषण के मुख्यता तीन प्रकार होते हैं जो इस प्रकार हैं :-
  • भूजल प्रदूषण
  • भूतल जल प्रदूषण 
  • समुद्री जल प्रदूषण
अब मैं एक एक करके विस्तार से आपको इन सबके बारे में बताता हूँ। 

1. भूजल प्रदूषण ( Groundwater Pollution ) - भूजल प्रदूषण खासतौर से हानिकारक मानव गतिविधियों की वजह से हो रहा है जैसे दोषपूर्ण कृषि प्रथा तथा उर्वरक के अनुचित उपयोग भूजल प्रदूषण का प्रमुख कारण है । 

2. भूतल जल प्रदूषण ( Surface Water Pollution ) -  सतही जल प्रदूषण पृथ्वी की सतह पर जल स्रोतों, जैसे नदियों, झीलों और महासागरों में होने वाला प्रदूषण है, जो मानवीय गतिविधियों जैसे औद्योगिक और कृषि अपवाह, तेल रिसाव और कूड़ेदान से प्रदूषकों के आने के कारण होता है। यह जलीय जीवन को नुकसान पहुंचता है और  पीने के पानी की गुणवत्ता पर भी असर डालता है। 

3. समुद्री जल प्रदूषण ( Sea Water Pollution ) - समुद्री जल प्रदूषण का मतलब होता है समुद्र में हानिकारक पदार्थों का मिलना।  हानिकारक पदार्थ का मतलब है रसायन, प्लास्टिक और तेल आदि का समुद्र में मिलना। ये सभी मानव गतिविधियों द्वारा होते हैं। ये सब समुद्री जीवों को काफी नुक्सान पहुंचाते हैं। समुद्री जल प्रदूषण को रोकने के लिए, समुद्र में आने वाले प्रदूषकों की मात्रा को कम करना और समुद्र के संसाधनों पर निर्भर उद्योगों में स्थायी प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है।

जल प्रदूषण पर निबंध ( Essay on Water Pollution in Hindi ) - जल प्रदूषण के कारण 

जल प्रदूषण के कारणों को मुख्यता दो प्रकार से बांटा जा सकता है। 

1. मानवीय कारण - अगर जल प्रदूषण के मानवीय कारण की बात की जाए तो बताना चाहूंगा कि मनुष्यों द्वारा की गयी  विभिन्न गतिविधियों द्वारा उत्पन्न हानिकारक पदार्थ को जल स्रोतों में विसर्जित करने से होता है। इसी से जल प्रदूषण होता है। ये हानिकारक पदार्थ निम्न रूप से प्राप्त होते हैं। 

कृषि बहिःस्राव - आज के समय में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों, पेस्टीसाइड, कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है, इस प्रकार की रासायनिक कृषि के कारण जहाँ एक ओर कृषि उत्पादन बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर हमारा वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। रासायनिक उर्वरक के प्रयोग की वजह से भूक्षरण के साथ रसायन तथा हानिकारक पदार्थ धीरे-धीरे जल के साथ मिलकर व बहकर नदियों, तालाबों व पोखरों में पहुँच जाते हैं और फिर ये जल को प्रदूषित कर देते हैं ।

 घरेलू बहिःस्राव - हम लोग कई बार अपने घर का कचरा तथा गन्दा पानी जलस्रोत में छोड़ देते हैं जो कि जल प्रदूषण का कारण बनता है। 

 औद्योगिक बहिःस्राव - कई बार फैक्टरियों से निकलने वाले रसायन को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है जो फिर जल स्रोत से मिल जाता है और जल को प्रदूषित का देता है। 

 प्राकृतिक कारण - अगर जल प्रदूषण के प्राकृतिक कारण की बात की जाए तो प्राकृतिक रूप से जल प्रदूषण मुख्यता प्राणियों के मल मूत्र, पौधे पत्तियों एवं हानिकारक पदार्थ के जल में मिलने के कारण होता है। ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा भी प्राकृतिक जल को प्रदूषित कर देता है। हमारे वातावरण में मौजूद गैस तथा धूल के कण तो वर्षा के पानी को प्रदूषित कर देते हैं। ये सभी जल प्रदूषण के प्राकृतिक कारण हैं। 


जल प्रदूषण पर निबंध ( Essay on water Pollution in Hindi ) - स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव 

जल प्रदूषण का असर जलिये जीव तथा मानव दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जल प्रदूषण का असर मानव के स्वास्थ्य पर जल में उपस्थित रासायनिक पदार्थों द्वारा होता है। पेय जल के साथ कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस आदि मानव शरीर में पहुँच जाते हैं और हैजा, टाइफाइड,  पीलिया, अतिसार, एनकायलो,पेचिश, जैसे भयंकर रोग उत्पन्न हो जाते हैं। जल प्रदूषण हम लोगों के लिए काफी खतरनाक है। हमें इसे रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए। 


जल प्रदूषण पर निबंध ( Essay on Water Pollution in Hindi ) - जल प्रदूषण कैसे कम किया जा सकता है ?

मित्रों, जल प्रदूषण हम लोगों के लिए काफी खतरनाक है इसे रोकने के लिए हमें कई प्रकार की कोशिशें करनी होंगी। 

जल प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे पहले हमें तालाब, पोखरों आदि के चारों तरफ दीवार बनाकर गन्दगी को रोका जाय तथा साथ ही साथ उनमें नहाने, कपड़े धोने आदि पर भी रोक लगानी चाहिए। 

हमें हमारे घर से निकलने वाले कचरे को कभी भी झील तथा नदी में नहीं डालना चाहिए। 

हमें समय-समय पर प्रदूषित जलाशयों में से गन्दगी व कीचड़ों को बाहर निकाला जाना चाहिये।

हमें फैक्ट्री से निकलने वाले हानिकारक पदार्थ तथा रसायनों को अभी भी इन जलाशयों में नहीं जाने देना चाहिए। 

जल प्रदूषण को रोकने के लिए हमें सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर जल प्रदूषण को ख़त्म करने की कोशिश करनी कहहिये।  जल प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी को अपने अपने स्तर से प्रयास करना चाहिए तभी ये जल प्रदूषण कम तथा खत्म किया जा सकता है। 

जल प्रदूषण पर निबंध ( Hindi Essay on Water Pollution ) - उपसंहार 

अब अंत में जल प्रदूषण ( Conclusion of Hindi essay on Water )के बारे में मैं यही कहना चाहूंगा कि जल प्रदूषण हम लोगों के लिए तथा हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है।  हमें इसे रोकने की पूरी कोशिश करनी चाहिए तभी जल प्रदूषण की समस्या को हम ख़त्म कर सकते हैं।